किसको-किसको खुश करें, सारा जहाँ अजीब,
होते वे नाराज जब, "रब" को करूँ करीब |
"रब" को करूँ करीब, बता दो हमको रस्ता ,
दो पाटन के बीच, हो रही हालत खस्ता |
है रविकर यह कठिन, ख़ुशी दे पाना सबको'
हो जाता हूँ फेल, रखूं खुश कैसे किसको || वेतन भोगी को सदा, प्यारी बड़ी पगार |
कुछ रुपये गर कम हुए, पड़ती घर में झाड़ ||
पड़ती घर में झाड़, बड़ा नाजुक है मसला |
होती कुछ बकवाद, हाथ से *मैटर फिसला ||
दस दिन में सब खर्च, करे वो इसकी सौतन |
मुहँ खोले फिर ठाढ़ , मांगती फिर से वेतन ||
*बहु-आयामी है यह मामला
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