(1)
हर-सिंगार बकवास है--
जिसपर ध्यान नहीं जाए |
बिन-सिंगार वो खास है--
अनायास आकृष्ट कराये ||
इसी गली से क्यूँ ?
तुम गुजरते हो यूँ
निर्लिप्त - निर्विकार
कहो तो न जियूं ||
ओ प्रेम-दीवानी --
*बागर पर बैठी रानी ! * नदी के किनारे बेहद ऊंची जगह
बादल आये
बरसे
प्रेम-जल बाढ़ा--
कई बन्ध टूटे
पर अब भी
जीवन नैया
मिलन को तरसे
तुम क्यूँ रूठे ??
हर-सिंगार बकवास है--
जिसपर ध्यान नहीं जाए |
बिन-सिंगार वो खास है--
अनायास आकृष्ट कराये ||
(2)
तुम गुजरते हो यूँ
निर्लिप्त - निर्विकार
कहो तो न जियूं ||
(3)
*बागर पर बैठी रानी ! * नदी के किनारे बेहद ऊंची जगह
बादल आये
बरसे
प्रेम-जल बाढ़ा--
कई बन्ध टूटे
पर अब भी
जीवन नैया
मिलन को तरसे
तुम क्यूँ रूठे ??
इसी गली से क्यूँ ?
ReplyDeleteतुम गुजरते हो यूँ
निर्लिप्त - निर्विकार
कहो तो न जियूं ||
bahut khub