खनन उपक्रम का, बेबस राजधर्म का
लूट-तंत्र बेशर्म का, सुवाद अंगूरी है |
राजपाट पाय-जात, धरती का खोद-खाद
लूट-लूट खूब खात, यही तो जरुरी है |
कहीं कांगरेस राज, भाजप का वही काज
छोट न आवत बाज, भेड़-चाल पूरी है |
चट्टे-बट्टे थैली केर, सारे साले एक मेर,
देर है न है अंधेर, आम मजबूरी है ||
देख सकने की,
लूट-तंत्र बेशर्म का, सुवाद अंगूरी है |
राजपाट पाय-जात, धरती का खोद-खाद
लूट-लूट खूब खात, यही तो जरुरी है |
कहीं कांगरेस राज, भाजप का वही काज
छोट न आवत बाज, भेड़-चाल पूरी है |
चट्टे-बट्टे थैली केर, सारे साले एक मेर,
देर है न है अंधेर, आम मजबूरी है ||
देख सकने की,
जरा बकने की,
हंसीं सपने की,
तन्हा तपने की,
आदत है |
बुरी लत है ||
जब तक दुनिया है सखे, तब तक पत्थर राज |
पत्थर से टकराय के, लौटे हर आवाज ||लौटे हर आवाज, लिखाये किस्मत लोढ़े,
कर्मों पर विश्वास, करे क्या किन्तु निगोड़े ?
कोई नहीं हबीब, मिला जो उसको अबतक,
जिए पत्थरों बीच, रहेगा जीवन जब तक ||
बड़ा प्रफुल्लित हो रहा, मिला शरद सा बाप |
मौज करे वो ठाठ से, न कोई संताप ||
न कोई संताप , उडाये आसमान में,
मन के घोड़े ख़ास, रहता ख़ूब गुमान में ||
अब क्रिकेट का राज, जभी रैना को पकड़ा,
सौंपेगा साम्राज्य, जोड़-जोड़ करता बड़ा ||
हिंदी की जय बोल |
मन की गांठे खोल ||
विश्व-हाट में शीघ्र-
बाजे बम-बम ढोल |
सरस-सरलतम-मधुरिम
जैसे चाहे तोल |
जो भी सीखे हिंदी-
घूमे वो भू-गोल |
उन्नति गर चाहे बन्दा-
ले जाये बिन मोल ||
हिंदी की जय बोल |
हिंदी की जय बोल |
सच्चाई की बात अजीब,
धूप - चांदनी पर खीज |
तक़दीर फांके धूल-
उनको फूल सी चीज ||
भ्रूण में मारी हीर
है बड़ा बदतमीज |
खुशियाँ दी बेच
आँखे रही भीज ||
समझ की लाली
जिलाए रक्तबीज |
सहकर जुल्म हुआ
धूप - चांदनी पर खीज |
तक़दीर फांके धूल-
उनको फूल सी चीज ||
भ्रूण में मारी हीर
है बड़ा बदतमीज |
खुशियाँ दी बेच
आँखे रही भीज ||
समझ की लाली
जिलाए रक्तबीज |
सहकर जुल्म हुआ
मुजरिम नाचीज ||
सरस-सरलतम-मधुरिम
ReplyDeleteजैसे चाहे तोल |
जो सीखे हिंदी-
घूमे वो भू-गोल |
भारत माँ के माथे की बिंदी ,
मेरी हिंदी ,
बनी रहे सदैव , अंग्रेजी की भी कुंजी ।
मेरी अभिव्यक्ति की संचित पुंजी।
भाव जगत की हुंडी .
बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है आपने हिंदी उत्स पर .
वक्त की मंज़ूरी है ,इतनी सुन्दर टिप्पणियों पर लिखना बहुत ज़रूरी है ।
ReplyDeleteकुंडलियों पर कुण्डलियाँ ,लिखना रविकर की मजबूरी है .
बहुत ही सटीक टिपण्णी ,.....आभार !