माँ के श्रम सा श्रम वो करती |
अवगुण मेट गुणों को भरती |टीचर का एहसान बहुत है --
उनसे यह जिंदगी संवरती ||
माँ का बच्चा हरदम अच्छा,
झूठा बच्चा फिर भी सच्चा |
ठोक-पीट कर या समझाकर-
बना दे टीचर सच्चा-बच्चा ||
लगा बाँधने अपना कच्छा
कक्षा दो में पहुंचा बच्चा |
शैतानी में पारन्गत हो
टीचर को दे जाता गच्चा ||
Happy teachers day
ReplyDeletepl word verification hataye.
माँ के श्रम सा श्रम वो करती |
ReplyDeleteअवगुण मेट गुणों को भरती |
टीचर का एहसान बहुत है --
उनसे यह जिंदगी संवरती || सुन्दर भाव !हकीकत यही है .प्राथमिक शाला की शिक्षिकाएं बड़ा काम करतीं हैं .बड़ी मेहनत करतीं हैं .
राजनीति में प्रदूषण पर्व है ये पर्युषण पर्व नहीं .
कबीरा खडा़ बाज़ार में