काश यूँ होता....
बाला बड़ी बहादुर है, बस बही भावना में थोड़ी |
बालक बरताव बनाए रख, बाला है सोणी-सोणी |
दुनिया बेशक अच्छी है, बस बदल नजरिया उसका तू-
कुछ सामंजस स्थापित कर, बदले वो थोड़ी -मोड़ी ||
जीवन भी संघर्ष एक, तू राह उसे दिखलाता जा --
सुगम रास्ता पाएगी, पर मिलेंगे कुछ रोड़ा -रोड़ी ||
दूजे का व्यवहार क्रूर, उसकी चिंता से होगा क्या --
बस दूर रहे, खुशहाल रहे, क्यूँ करती सर फोड़ा-फोड़ी ||
आस भरा विश्वास हो, दंगा वह भूलिए |
भागलपुर भागते, देहली दहलात के ??
घात पे प्रतिघात के, पाप पूरे धो लिए ??
अंगुलिमाल-वाल्मीकि, भूलो मत यह सीख
गांधीजी की क्षमा नीति, घोलकर पी लिये |
प्रयास का उपहास, कांगरेस है निराश
गिरेबान देख झांक, चौरासी भी खोलिए ||
काकी पर चलते रहे, काका की शमशीर |
बाला बड़ी बहादुर है, बस बही भावना में थोड़ी |
बालक बरताव बनाए रख, बाला है सोणी-सोणी |
दुनिया बेशक अच्छी है, बस बदल नजरिया उसका तू-
कुछ सामंजस स्थापित कर, बदले वो थोड़ी -मोड़ी ||
जीवन भी संघर्ष एक, तू राह उसे दिखलाता जा --
सुगम रास्ता पाएगी, पर मिलेंगे कुछ रोड़ा -रोड़ी ||
दूजे का व्यवहार क्रूर, उसकी चिंता से होगा क्या --
बस दूर रहे, खुशहाल रहे, क्यूँ करती सर फोड़ा-फोड़ी ||
बहाना है उपवास, मंजिल पीएम निवास
उपवास का सुवास हो, और अधिक पास हो,आस भरा विश्वास हो, दंगा वह भूलिए |
भागलपुर भागते, देहली दहलात के ??
घात पे प्रतिघात के, पाप पूरे धो लिए ??
अंगुलिमाल-वाल्मीकि, भूलो मत यह सीख
गांधीजी की क्षमा नीति, घोलकर पी लिये |
प्रयास का उपहास, कांगरेस है निराश
गिरेबान देख झांक, चौरासी भी खोलिए ||
काका हाथरसी
काकी पर चलते रहे, काका की शमशीर |
बेलन से पिटते रहे, खाई फिर भी खीर |
खाई फिर भी खीर, तीर काकी के आकर|
बने कलम के वीर, धरा पूरी महका कर |
पर रविकर इक बात, रही बाँकी की बाकी |
मिली कहाँ से तात, आपको ऐसी काकी ||
मत दो जीवन का वरदान....
यह मत दो तुम, वो भी मत दो |
आखिर क्या मांगे दीवाने ?
मेरा प्यार नहीं क्यूँ मांगे--
चाहे - बस - दर्दीले - गाने ||
तनिक शरारत थोडा नखरा
थोड़ी मस्ती बुरा मानता -
आखिर प्यार किसे कहते हैं--
प्यार के आखिर क्या हैं माने ||
(चर्चा मंच-641)
करें संकलन प्रेम से, देते मंच सजाय |
उत्तम चर्चा आपकी, शारद सदा सहाय ||
शारद सदा सहाय, प्रकृति प्रेमी ये गुरुवर,
माला पुष्प बनाय, लगाके रक्खे तरुवर ||
प्रभु जी करिए कृपा, बनाए रखिये साया,
स्वस्थ और सानंद, रहे गुरुवर की काया |
जन्म-दिन मुबारक
सन्नी-सन सन सा संवर, सन-सन सुखद सुनील |
सरवन सम सुत समुन्नति, सामृद्धि-सम्मति-शील ||
सामृद्धि-सम्मति-शील, बधाई जन्म दिवस की |
पल पल आगे बढ़ो, फेस पर हरदम मुस्की ||
दे रविकर आशीष, मिले संस्कारी बन्नी ||
मात-पिता को हर्ष, ख़ुशी खुब पावे सन्नी ||
सन्नी-सन सन सा संवर, सन-सन सुखद सुनील |
सरवन सम सुत समुन्नति, सामृद्धि-सम्मति-शील ||
सामृद्धि-सम्मति-शील, बधाई जन्म दिवस की |
पल पल आगे बढ़ो, फेस पर हरदम मुस्की ||
दे रविकर आशीष, मिले संस्कारी बन्नी ||
मात-पिता को हर्ष, ख़ुशी खुब पावे सन्नी ||
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ReplyDeleteकमाल ही है!!
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