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Saturday, 17 September 2011

मेरी टिप्पणियां -- इस सप्ताह ||

काश यूँ होता....
बाला बड़ी बहादुर है, बस बही भावना में थोड़ी |
बालक बरताव बनाए रख, बाला है सोणी-सोणी |

दुनिया बेशक अच्छी है, बस बदल नजरिया उसका तू-
कुछ सामंजस स्थापित कर, बदले वो थोड़ी -मोड़ी ||



जीवन भी संघर्ष एक, तू राह उसे दिखलाता जा --
सुगम रास्ता पाएगी, पर मिलेंगे कुछ रोड़ा -रोड़ी ||

दूजे का व्यवहार क्रूर, उसकी चिंता से होगा क्या --
बस दूर रहे, खुशहाल रहे, क्यूँ  करती सर फोड़ा-फोड़ी ||


बहाना है उपवास, मंजिल पीएम निवास

उपवास का सुवास हो, और अधिक पास हो,
आस भरा विश्वास हो, दंगा वह भूलिए |

भागलपुर भागते, देहली दहलात के ??
घात पे प्रतिघात के, पाप पूरे धो लिए ??

अंगुलिमाल-वाल्मीकि, भूलो मत यह सीख
गांधीजी की क्षमा नीति, घोलकर पी लिये |

प्रयास का उपहास, कांगरेस है निराश
गिरेबान देख झांक, चौरासी भी खोलिए ||

 काका हाथरसी 

काकी पर चलते रहे, काका की शमशीर |
बेलन से पिटते रहे,  खाई फिर  भी खीर |

खाई फिर भी खीर, तीर काकी के आकर|
बने कलम के वीर, धरा पूरी महका  कर | 

पर  रविकर इक बात, रही बाँकी  की बाकी |

मिली कहाँ से तात, आपको ऐसी काकी ||

 

मत दो जीवन का वरदान....

यह मत दो तुम, वो भी मत दो |
आखिर क्या  मांगे दीवाने ?
मेरा प्यार नहीं क्यूँ मांगे--
चाहे - बस - दर्दीले - गाने ||

तनिक शरारत थोडा नखरा
थोड़ी मस्ती बुरा मानता -
आखिर प्यार किसे कहते हैं--
प्यार के आखिर क्या हैं माने ||

(चर्चा मंच-641)

करें  संकलन  प्रेम से, देते  मंच  सजाय |
उत्तम  चर्चा  आपकी, शारद सदा सहाय ||
शारद सदा सहाय, प्रकृति प्रेमी ये गुरुवर,
माला पुष्प बनाय, लगाके  रक्खे तरुवर ||
प्रभु जी करिए कृपा, बनाए रखिये साया,
स्वस्थ और सानंद, रहे गुरुवर की काया |

जन्म-दिन मुबारक 

सन्नी-सन सन सा संवर, सन-सन सुखद सुनील |
सरवन सम सुत समुन्नति, सामृद्धि-सम्मति-शील ||

सामृद्धि-सम्मति-शील, बधाई जन्म दिवस की |
पल पल आगे बढ़ो, फेस पर हरदम मुस्की ||

दे रविकर आशीष, मिले संस्कारी बन्नी ||
मात-पिता को हर्ष, ख़ुशी खुब पावे सन्नी ||

2 comments:

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