पत्नी पीड़ित की व्यथा
दर्द से जब छटपटा कर, आह भरती है जुबाँ |
लगता है रविकर वाह सुनती हैं हमारी मेहरबाँ ||
चर्चित बाबा के चक्कर में..
चर्चित बाबा,
चंचल बाला |शैतानों की
लगती खाला ||
प्रेम नजरजो
उसने डाला --
खतरे में है
कंठी माला ||
परचित बाबा
खोलो ताला |
नया ज़माना
खुद को ढाला |
आन्नद ही आन्नद :- योजना आयोग ने करोडो भारतीयों को तत्काल अमीर बना दिया.
जंगल में चलकर रहो, सूखी टहनी बीन |
चावल दो मुट्ठी भरो, कर लो झट नमकीन |
कर लो झट नमकीन, माड़ से भरो कटोरा |
माड़ - भात परसाय, खिलाऊ छोरी-छोरा |
डब्लू एच ओ जाय, बता दो सब कुछ मंगल |
चार साल के बाद, यही तो होइहैं नक्सल ||
8888888888888888888888888888888
बत्तीसी दिखलाय के, पच्चीस कमवाय के
आयोग आगे आय के, खूब हलफाते हैं |
दवा दारु नेचर से, कपडे फटीचर से
मुफ्तखोर टीचर से, बच्चा पढवाते हैं |
सेहत शिक्षा मिलगै , कपडा लत्ता सिलगै
तनिक छत हिलगै, काहे घबराते हैं ?
गरीबी हटाओ बोल, इंदिरा भी गईं डोल,
सरकारी झोल-झाल, गरीब मिटाते हैं ||
No comments:
Post a Comment